वैभव लक्ष्मी व्रत कथा इन हिंदी pdf download

आप सभी को राम-राम मित्रो! आज हम आपके लिए लेकर आये है, वैभव लक्ष्मी (vaibhav lakshmi) व्रत कथा इन हिंदी pdf download यह किताब वैभव लक्ष्मी (vaibhav lakshmi) व्रत में पढ़ा जाता है, यह व्रत शुक्रवार को किया जाता है, इस किताब में श्री यन्त्र भी दिया गया है।

वैभव लक्ष्मी व्रत कथा इन हिंदी pdf download


इस किताब के अंदर माँ लक्ष्मी, ऐश्वर्य लक्ष्मी, विजय लक्ष्मी, धन्य लक्ष्मी, आदि लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी सहित सभी लक्ष्मी जी की फोटो दी गयी है, इस व्रत को जो भी सद्भावना पूर्ण करता हैं और वैभव लक्ष्मी (vaibhav lakshmi) व्रत कथा करता हैं और दुसरो को भी सुनाता है उसके सारी मनोकामनाएं माँ लक्ष्मी पूर्ण करती हैं, और सभी जनो पर कृपा बनायीं रखती हैं. 

वैभव लक्ष्मी (vaibhav lakshmi) व्रत कथा इन हिंदी pdf download


वैभव लक्ष्मी के अनेकों रूप है उन सभी रूपों में से एक धन्य लक्ष्मी को ही वैभव लक्ष्मी कहा जाता है, इस पूजा को घर का कोई भी सदस्य कर सकता हैं, कोई भी सदस्य अर्थात सौभाग्यशाली स्त्रियां, कन्याएं, घर का कोई भी पुरुष वैभव लक्ष्मी की व्रत को कर सकता हैं।


अगर आप इस व्रत को प्रारंभ करना चाहते है तो किसी भी महीने के शुक्लपक्ष के शुक्रवार को शुरू कर सकते हैं , अमावस्या के बाद जब चंद्रमा बढ़ना शुरू होता है तब हम शुक्लपक्ष बोलते हैं।

वैभव लक्ष्मी व्रत कथा विधि

वैभव लक्ष्मी व्रत कथा की विधि बहुत ही सरल है , और पूजा की सारी सामग्री हमारे घरो में उपलब्ध हो जाती है, वैभव लक्ष्मी व्रत करने से पहले ही आपको एक संकल्प लेना होता हैं की आप कितनी संख्या में इस व्रत को करना चाहते हैं, आप 11, 21, 51 की संख्या में कर सकते हैं लेकिन आपको व्रत शुरू करने से पहले ही संकल्प लेना होता हैं।

1. पूरी श्रद्धा के साथ व्रत करे

आप इस व्रत को पूरी श्रद्धा और पवित्र भाव से कीजिए, बिना भाव के और अप्रसन्न मन से व्रत करने से कोई भी फल प्राप्त नही होता हैं, एक बार व्रत पूरा होने के बाद अगर दुबारा से व्रत को शुरू करना चाहते हैं या मनोकामना पूर्ण नही हुई तो आप दुबारा से इस व्रत को संकल्प लेकर कर सकते हैं।

2. हमेशा घर पर ही व्रत करे

शुक्रवार के दिन यदि आप घर से बाहर है या किसी यात्रा पर हैं, तब आप इस शुक्रवार को छोड़कर अगले शुक्रवार को व्रत कर सकते हैं, अर्थात व्रत हमेशा अपने घर पर ही करनी चाहिए।

3. घर का भोजन ही करे

इस व्रत में हमेशा आपको घर का ही भोजन करना चाहिए, अगर आप घर के बाहर है तो बाहर का भोजन बिलकुल न करे, व्रत को हमेशा अपने घर से ही करें।

4. शाम को ही पूजन करे

व्रत के दिन हो सके तो उपवास करना चाहिए, और शाम को विधि विधान के साथ वैभव लक्ष्मी की पूजा करके उनका प्रसाद ग्रहण करने के पश्चात आप भोजन ग्रहण कर सकते हैं, अगर ना हो सके तो एक समय फलाहार कर ले।

5. श्री यंत्र वाली लक्ष्मी फोटो रखे

सबसे पहले एक श्री यंत्र के साथ माता लक्ष्मी की ऐसी फोटो ले जिसमे सारे रूप अंकित हो, ऐसे चित्र बाजार में आसानी से मिल जाती हैं।

6. पूजा सामग्री लेकर रख ले

एक आसान ले जिसपर बैठकर आप पूजा करेंगे, ये आसन अगर ऊनी हो और लाल रंग का हो तो उत्तम हैं, थोड़ा अक्षत ले, सोने या चांदी का सिक्का ले ले, धूप, दीप, लाल पुष्प, नैवेद्य और फल और एक तांबे या मिट्टी का कलश रख ले, 

कलश में गंगाजल और जल मिला कर रख ले, उसपर रखने के लिए एक कटोरा ले ले, कुछ हल्दी और कुमकुम ले ले, पूजा के लिए एक लकड़ी का चौकी ले ले, या जिस स्थान पर आप पूजा करते है वही पूजा करें।

चौकी पर बिछाने के लिए एक लाल रंग का कपड़ा रख ले, आपके पास वैभव लक्ष्मी की किताब होनी चाहिए, बाजार से खरीद ले या ऊपर दिए गए लिंक से डाऊनलोड कर ले।

जैसे आप अन्य देवी देवताओं की पूजा करते है ठीक उसी प्रकार से पूजा कीजिए और मां वैभव लक्ष्मी की और श्री यंत्र की पूजा कीजिए और हाथ में कुछ अक्षत, फूल, और एक सिक्का लेकर मां के सामने संकल्प लीजिए और आपके मन में जो मनोकामना है उसको दोहराए और आप कितने व्रत करने वाले हैं उसको दोहराए,

मां से प्रार्थना कीजिए की वो आप पर कृपा बनाए रखें, और आपका व्रत सफल हो। मां वैभव लक्ष्मी की पूजा संध्या समय की जाती हैं।

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