पद्म पुराण क्या है? What is Padma Purana?
पद्म पुराण अठारह प्रमुख पुराणों में से एक है, जो हिंदू धर्म के ग्रंथों की एक शैली है। यह एक विश्वकोश है, जिसका नाम कमल के नाम पर रखा गया है, जिसमें निर्माता भगवान ब्रह्मा प्रकट हुए, और इसमें विष्णु को समर्पित बड़े खंड और साथ ही शिव और शक्ति पर महत्वपूर्ण खंड शामिल हैं।
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पद्म पुराण पढने या सुनने का फल:-
पद्म पुराण पढने या सुनने मनुष्य जाति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। पद्मपुराण कथा करने एवं सुनने से प्रेत या भूत तत्व भी शान्त हो जाता है। पूजा दान तपस्या और तीर्थ स्थानों में नहाने से जो फल मिलता है वह फल पद्मपुराण की कथा सुनने से ही प्राप्त हो जाता है। मोक्ष प्राप्ति के लिये पद्म पुराण सुनना या पढना सबसे बढ़िया उपाय है।
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पद्म पुराण करने का मुहुर्त:-
पद्म पुराण कथा करने के लिये सबसे पहले विद्वान ब्राह्मणों से मुहुर्त निकलवाना चाहिये। पद्म पुराण के लिये श्रावण-भाद्रपद, आश्विन, अगहन, माघ, फाल्गुन, बैशाख और ज्येष्ठ मास विशेष शुभ हैं। लेकिन विद्वानों के अनुसार जिस दिन पद्म पुराण कथा प्रारम्भ कर दें, वही शुभ मुहुर्त है।
पद्म पुराण का कथा कहाँ करें? :-
पद्म पुराण करने के लिये स्थान अत्यधिक पवित्र और स्वच्छ होना चाहिये। जन्म भूमि में पद्म पुराण करने का विशेष महत्व बताया गया है - जननी जन्मभूमिश्चः स्वर्गादपि गरियशी - इसके अतिरिक्त हम तीर्थों में भी पद्म पुराण का आयोजन कर विशेष फल प्राप्त कर सकते हैं। फिर भी जहाँ मन को सन्तोष पहुँचे, उसी स्थान पर कथा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
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पद्म पुराण करने की विधि:-
पद्म पुराण का वक्ता विद्वान ब्राह्मण होना चाहिये। उसे शास्त्रों एवं वेदों का कंठस्थ ज्ञान होना चाहिये। पद्म पुराण में सभी ब्राह्मण सदाचारी हों और सुन्दर आचरण वाले हों। वो सन्ध्या बन्धन एवं प्रतिदिन गायत्री जाप करते हों। ब्राह्मण एवं यजमान दोनों ही सात दिनों तक उपवास रखें। केवल एक समय ही भोजन करें। भोजन शुद्ध शाकाहारी होना चाहिये।
Download: Padma Purana gita press pdf
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