इसके श्रेष्ठता का कारण बताते हुए कहा गया है कि - सुन्दरे सुन्दरो राम: सुन्दरे सुंदरी कथा। सुन्दरे सुन्दरी सीता सुन्दरे किन्न सुंदरम।।
अर्थात सुंदरकांड में श्रीराम सुन्दर है, कथा सुंदर है, सीता सुंदर है। सुंदरम में क्या सुंदर नही है। इसके अतिरिक्त इसमे हनुमानजी का पावन चरित्र है जो भक्तो के लिए कल्पवृक्ष है।
सुंदरकांड का जो श्रद्धालु अनुष्ठान करते है, जिससे उनकी प्रत्येक मनोकामना पूर्ण होती है। दूसरी बात सुंदरकांड की कथा पात्रो के स्वभाव और आचरण आदि में आध्यात्मिकता तथा रहस्यात्मकता सन्योग दिखाई पड़ता है।
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