मानव जीवन की हर समस्या का हल श्रीमद भगवद गीता के श्लोक में छिपा है। कर्म, धर्म, कर्म, जन्म, मृत्यु, सत्य, असत्य आदि के जीवन से संबंधित प्रश्नों के उत्तर गीता के 18 अध्यायों और 700 गीता श्लोकों में हैं।
गीता श्लोक श्री कृष्ण ने अर्जुन को उस समय सुनाये जब महाभारत के युद्ध के समय अर्जुन युद्ध करने से मना करते हैं तब श्री कृष्ण अर्जुन को गीता श्लोक सुनाते हैं और कर्म व धर्म के सच्चे ज्ञान से अवगत कराते हैं| श्री कृष्ण के इन्हीं उपदेशों को “भगवत गीता” नामक ग्रंथ में संकलित किया गया है|
गीता के 18 भागो के नाम निम्नलिखित है.
- अर्जुनविषादयोग
- सांख्ययोग
- कर्मयोग
- ज्ञान-कर्म-संन्यास-योग
- कर्मसंन्यास
- आत्मसंयम योग
- ज्ञानविज्ञान योग
- अक्षर ब्रह्मयोग
- राजगुह्ययोग
- विभूतियोग
- विश्वरूपदर्शन योग
- भक्तियोग
- क्षेत्र क्षेत्रजन विभाग योग
- गुणत्रय विभाग योग
- पुरुषोत्तमयोग
- दैवासुर संपद विभाग योग
- श्रद्धात्रय विभाग योग
- मोक्षसंन्यास योग