स्कंद पुराण क्या है ?
स्कन्द पुराण 18 पुराणों में से एक महत्वपूर्ण पुराण है, पुराणों के क्रम में इसका तेरहवां स्थान है इसके 81 हजार श्लोक हैं। इस पुराण का नाम भगवान शंकर के बड़े पुत्र कार्तिकेय के नाम पर है।
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कार्तिकेय का ही नाम स्कन्द है। यह शैव संप्रदाय का पुराण है, जिसमें स्कन्द द्वारा तारकासुर के वध की कथा का वर्णन मिलेगा, स्कन्द पुराण में धर्म, ज्ञान और नीतियों से सम्बंधित कई बातें बताई गयी है,
स्कन्द पुराण के अनुसार ये 5 चीजे जीवन में है जरुरी
स्कन्द पुराण के अनुसार, ऐसी 5 चीजें हैं, जो कि हर मनुष्य के जीवन में होना अनिवार्य माना गया है। इसमें से अगर 1 भी चीज की कमी हो तो उसका जीवन अधूरा माना जाता है।
श्लोक
जीवितं च धनं दारा पुत्राः क्षेत्र गृहाणि च।
याति येषां धर्माकृते त भुवि मानवाः।।
अर्थात-
मनुष्य जीवन में धन, स्त्री, पुत्र, घर-धर्म के काम ( गृहस्थी संबंधि), और खेत – ये 5 चीजें होती हैं, उसी मनुष्य का जीवन इस धरती पर सफल माना जाता है।
1. धन
मनुष्य जीवन के 4 मुख्य आधार माने गए है, जिन्हें धर्म ग्रंथों में 4 पुरुषार्थ कहा जाता है। चारों पुरुषार्थों में से सबसे पहला पुरुषार्थ अर्थ कहा गया है, अर्थ यानी धन। धन कमाना हर मनुष्य के लिए अनिवार्य माना जाता है। जीवन को सफलता से जीने के लिए हर किसी को धन कमाना जरूरी होता है। बिना धन सुख नहीं मिलता और जीवन भर सिर्फ संघर्ष होता है। इसलिए, धन कमाना इंसान के लिए बहुत जरूरी माना गया है।
2. स्त्री
स्त्री को अर्धांगिनी कहते हैं, क्योंकि स्त्री के बिना हर पुरुष अधूरा माना जाता है। किसी भी पुरुष के जीवन को पूरा करने के लिए उसमें स्त्री का होना जरूरी होता है। मनुष्य जीवन में चाहे कितना ही सफल हो जाए, लेकिन अगर उसके जीवन में पत्नी न हो तो जीवन में कमी रह ही जाती है।
3. संतान
संतान हर किसी के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण अंग मानी जाती है। सुखी और खुशहाल परिवार के लिए परिवार का पूरा होना आवश्यक माना जाता है। बिना संतान के कोई भी परिवार पूरा नहीं हो सकता। जिस दम्पति की संतान नहीं होती, उनके जीवन का एक बहुत बड़ा हिस्सा अधूरा ही रह जाता है। इसलिए हर मनुष्य के जीवन में संतान का होना आवश्यक होता है।
4. गृहस्थी के काम
हर मनुष्य की कुछ जिम्मेदारियां होती हैं, जिन्हें पूरा करना उसका फर्ज है। सभी को अपनी पारिवारिक जिम्मेदारी पूरी करनी ही चाहिए। जो मनुष्य अपने कामों से मुंह मोड़ लेता है या अपनी जिम्मेदारियां पूरी नहीं करता, वह कभी सुखी नहीं रह पाता। ऐसे मनुष्य के परिवार और वैवाहिक जीवन में हमेशा क्लेश बना रहता है। इन सबसे बचने के लिए मनुष्य को अपने सभी गृहस्थी के काम पूरे करना चाहिए।
5. खेत
धर्म-ग्रंथों के अनुसार, खेती करना या मिट्टी से जुड़े रहना भी हर किसी के लिए अनिवार्य बताया गया है। जो मनुष्य खेत-खलिहान के लिए समय निकालता है और वहां काम करता है, उसे सुख और आनंद मिलता है। साथ ही मिट्टी से जुड़े रहने पर स्वास्थय भी ठीक रहता है। इसलिए, हर मनुष्य को अपने जीवन का थोड़ा समय खेतों में भी बिताना चाहिए, इसके बिना जीवन अधूरा माना जाता है।
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