bhavishya purana pdf, bhavishya puran gita press pdf, सम्पूर्ण भविष्य पुराण pdf, भविष्य पुराण गीता प्रेस गोरखपुर pdf - भविष्य पुराण अन्य पुराणों से सर्वथा भिन्न है, भविष्य पुराण में ढेर सारी ऐसी भविष्यवाणी लिखी गयी है, जो चमत्कारित रूप से सटीक बैठती है, साथ ही हमारे पुराणों के सामान्य व्याख्या पर सवाल भी खड़े करता है, इस पुराण में वैदिक काल की सांस्कृतिक और सामाजिक व्यवस्था का वर्णन किया गया है।
भविष्य पुराण के माध्यम पर्व में भारतीय संस्कार, तत्कालीन सामाजिक व्यवस्था, शिक्षा प्रणाली पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है, वस्तुतः भविष्य पुराण सर्वप्रधान ग्रंथ है, सूर्य उपासना एवं उसके महत्व का वर्णन भविष्य पुराण के जैसा कही नही किया गया है, सूर्य की महिमा, उनका परिवार, उपासना पद्धति आदि का विचित्र वर्णन किया गया है।
इस पुराण में श्रवण करने योग्य बहुत सी कथाये, वेदों एवं पुराणों की उत्पत्ति, काल गणना, युगों का विभाजन, 16 संस्कार, गायत्री जाप का महत्व, यज्ञ कुंडो का वर्णन, मंदिर निर्माण आदि विषयों का, विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है, इस पुराण में ईसा के दो हजार वर्षो के अचूक भविष्यवाणी की गई है।
Bhavishya Purana (भविष्य पुराण) में कितने श्लोक है ?
भविष्य पुराण में मूलतः 50 हजार श्लोक विद्यमान है, परंतु अभिलेखों के लगातार नष्ट होने के चलते वर्तमान में केवल 119 अध्याय और 18 हजार श्लोक ही उपलब्ध है, स्पष्ट है कि दुनियाँ अभी भी उन अद्भुत और विलक्षण घटनाओं और ज्ञान से पूर्णतः अनभिज्ञ है, वे इस पुराण के आधे भाग में वर्णित रही होगी।
भारतीय घरो में होने वाले भगवान सत्यनारायण की कथा भी इसी पुराण से ली गयी है, दशको से हम पुराणों के प्रसंगों और घटनाओं को मिथक के रूप में मानते आए है, लेकिन भविष्य पुराण के अध्ययन से ये धारणा स्पष्ट हो जाती है कि पुराणों की भाषा एक विशिष्ट कोड में कूटबद्ध है।
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