चाणक्य नीति pdf | chanakya niti hindi mein pdf download
चाणक्य को इंडियन मैकियावेली कहा जाता है इसके पीछे की वजह है उनके महान विचार और चतुर दिमाग। चाणक्य न सिर्फ एक महान दार्शनिक, अर्थशास्त्री और राजनेता थे बल्कि एक बहुत अच्छे शिक्षक भी थे। वह एक गरीब ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए लेकिन कभी भी उन्होंने धन और मोह माया का लोभ नहीं किया। अपनी विद्वता और विचारों के जरिए उन्होंने विशाल साम्राज्य की स्थापना की।
चंद्रगुप्त के जीवन में चाणक्य की अहम भूमिका है क्योंकि चाणक्य द्वारा ली गई प्रतिज्ञा को सफल बनाने में चंद्रगुप्त एक ज़रिया थे। चाणक्य की नजर चंद्रगुप्त पर उस समय पड़ी जब चंद्रगुप्त की आयु 8 से 9 वर्ष की होगी। उन्होंने चंद्रगुप्त के राजत्व प्रतिभा को पहचान लिया और तुरंत 1000 मुद्रा देकर उसके माता-पिता से चंद्रगुप्त को खरीद लिया।
चाणक्य ने बालक चंद्रगुप्त को अपने साथ में लाने के बाद उसे कई विषयों पर शिक्षा दिलाई, चंद्रगुप्त को चाणक्य ने अपना शिष्य बनाया और उन्हीं के शिक्षा की वजह से चंद्रगुप्त आगे जाकर यशस्वी शासक बने और इतिहास के पन्नों पर हमेशा-हमेशा के लिए अमर हुए।
चाणक्य के अर्थशास्त्र में 15 अधिकरण 180 प्रकरण और 150 अध्याय तथा 6000 श्लोक शामिल है। इसमें उनके राजनीतिक अर्थशास्त्र, रसायनशास्त्र, भू-गर्भ विद्या, इंजीनियरिंग-विद्या जैसे कई विषय शामिल है। साल 1905 में तंजौर निवासी एक ब्राह्मण द्वारा चाणक्य के अर्थशास्त्र की हस्तलिखित प्रति को मैसूर के एक प्राचीन पुस्तकालय में भेंट किया गया।
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