मनुस्मृति PDF book in Hindi sanskrit free download
Original मनुस्मृति pdf गीता प्रेस गोरखपुर को हिन्दू शास्त्रों में सबसे महत्त्वपूर्ण ग्रंथ माना गया है। यह ग्रंथ मानव, धर्म तथा शास्त्रों का मिश्रण है। इस ग्रंथ में दिए गए तमाम उपदेश मनु द्वारा ही रचे गए हैं, जिन्हें लिखने के बाद मनु ने इस महान ग्रंथ को ऋषियों को सौंप दिया। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार मनुस्मृति भगवान ब्रह्मा की वाणी है।
हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार दुनिया में आने वाला सबसे पहला मनुष्य ‘मनु’ थे। यह मनुष्य सृष्टि निर्माता ब्रह्माजी के मनस संकल्प से उत्पन्न हुए थे। मनु ने ही मनुष्यों की सामाजिक-धार्मिक विधि संहिता की रचना की, उसी ग्रन्थ को ‘मनुस्मृति’ नाम से जाना जाता है।
जिस तरह से दुनिया में पहला पुरुष आया था उसी तरह से पहली स्त्री का जन्म भी ब्रह्मा जी की काया से ही हुआ था। यह स्त्री जिसे शतरूपा के नाम से जाना जाता है, ये भी ब्रह्मा जी की काया से पूर्ण विकसित रूप में ही जन्म लिया था।
मनुस्मृति में कुल 2,690 छंद उपस्थित है, जिन्हें कुल 12 अध्यायों में बांटा गया है। यह अध्याय पहले मनुष्य तथा पृथ्वी लोक से जुड़े अनगिनत तथ्यों को बयान करते हैं। इसके साथ ही मनुस्मृति में स्त्री के व्यवहार को लेकर भी कुछ शब्दों का गठन है।
एक टिप्पणी भेजें