गायक गुलशन कुमार की हत्या की कहानी....इसमे दाऊद का क्या हाथ था ?

गुलशन कुमार के पिता एक मध्यम वर्ग से थे और जूस बेचते थे उसी दुकान पर गुलशन कुमार भी कभी कभी जाकर जूस बेचते थे और उसके बाद उनके पिता ने एक बड़ी दुकान खरीदी जिसमे कैसेट और टेप बेचने लगे...
gulshan kumar

21 साल पुरानी कहानी है गुलशन कुमार की । गुलशन कुमार की हत्या मुम्बई में हुई थी और हत्या के बाद उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली लाया गया था , वही गुलशन कुमार जिनकी आवाज में आप अपने गली मोहल्लों में हनुमान चालीसा और आरती की धुन आपके कानों में कभी कभी सुनाई देती है , वही गुलशन कुमार जिहोंने "कुमार सानू , अनुराधा पौडवाल, सोनू निगम" जैसे लोगो की जिंदगी बनाई और इन सबको मौका दिया था गुलशन कुमार ने ।

गुलशन कुमार की कहानी शुरू होती है दिल्ली से, जहाँ पर गुलशन कुमार ने सर्वप्रथम एक स्टूडियो बनाया था और उस स्टूडियो में आज भी शूटिंग होती है और गुलशन कुमार की तमाम यादें है , गुलशन कुमार के पिता की पुरानी दिल्ली के दरियागंज में एक जूस का दुकान हुआ करती थी , उसी दुकान ओर बचपन मे गुलशन कुमार बैठा करते थे फिर धीरे धीरे उनके पिता ने एक बड़ी दुकान ली और उसमें कैसेट और टेप बेचना शुरू किया बेचने के साथ साथ रिपेयर का काम भी शुरू हो किया , दुकान ठीक ठाक चलने लगी फिर गुलशन कुमार के दिमाग मे एक विचार आया कि क्यो न अपनी म्यूजिक इंडस्ट्री खोली जाए ।



भक्ति भजन से कैरियर की शुरुआत...

उन्होंने भक्ति गाने से म्यूजिक इंडस्ट्री की शुरुआत की और विभिन्न कार्यक्रमों में भक्ति गाने गाय करते थे ऐसा करते करते उन्होंने छोटे कलाकारों को अपने इंडस्ट्री में लेना शुरू कर दिया और उनको लेकर कई सारे एल्बम बनाए जो काफी फेमस हुए, इन्ही सब कलाकारों में से कुछ के आवाज लोगो को पसंद आने लगे और लोग कैसेट खरीदने लगे क्योकि गुलशन कुमार के कैसेट किसी और ब्रांड के तुलना में काफी सस्ते होते थे ।

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धीरे धीरे धार्मिक गाने के बाद इनके और भी गाने आने लगे, कुछ ऐसे सिंगर थे जिनकी आवाज लोगो को काफी पसंद आने लगे जैसे अनुराधा पौडवाल , सोनू निगम , कुमार सानू जैसे गायक काफी प्रसिद्ध हुए। उसके बाद गुलशन कुमार का एक एल्बम आया जिसका नाम था "लाल दुपट्टा मलमल का" जो काफी हिट हुआ । और ये सारे सिंगर धीरे धीरे पॉपुलर हो गए जिन्हें गुलशन कुमार ने काम दिया था , उसके गुलशन कुमार ने म्यूजिक डायरेक्टर को भी मौका देना शुरू कर दिया, उनमे एक म्यूजिक डायरेक्टर थे "नदीम-श्रवण" ।

गुलशन कुमार की अपनी एक पहचान थी कि वो केवल नए कलाकारों को ही मौका देते थे और जो कलाकार फेमस हो जाता था गुलशन कुमार उससे किनारा कर लेते थे , फिर धीरे धीरे गुलशन कुमार का व्यापार बढ़ता गया और फिर मुंबई की तरफ गुलशन कुमार चल पड़े , उसके बाद थोड़े वक्त बाद 90 का दशक आया , 1995, 96, 97 तक म्यूजिक इंडस्ट्री में गुलशन कुमार की भागीदारी 65 % हो गयी थी , यानी बॉलीवुड के 65 % मार्केट पर टी-सीरीज का कब्जा था जो गुलशन कुमार के कंपनी का नाम था और अभी भी है ।



गुलशन कुमार और अंडरवर्ल्ड....

एक ऐसा समय आया जब नदीम और गुलशन कुंअर के बीच मे कड़वाहट आ गयी , इसका कारण ये था कि नदीम का एक एल्बम आया था जिसे गुलशन कुमार और नदीम दोनो ने मिलकर बनाया था और उस एल्बम में खुद नदीम ने 3 गाने गाए थे , गुलशन कुमार ने अपनी कंपनी से नदीम के गाने प्रमोट भी किये, लेकिन वो गाने चले नही और नदीम बाकी के नए एल्बम को प्रमोट करने के लिये गुलशन कुमार को दबाव बना रहे थे जिसे गुलशन कुमार ने मना कर दिया और इस दौरान नदीम एक अच्छे म्यूजिक डायरेक्टर हो गए और गुलशन कुमार हमेशा नए लोगो को ही मौका देते थे । फिर इस तरह से दोनों के बीच दूरियाँ बढ़ने लगी ।


इसी बीच गुलशन कुमार को अंडरवर्ल्ड से फ़ोन आया और फ़ोन किया था अबू सलेम ने ! ये उस समय की आम बात थी , ये बात है 1996 कि ।

नदीम के रिश्ते दाऊद का भाई अनीश इब्राहिम और अब सालेम से थे, जिसके बाद अब सालेम ने गुलशन कुमार से 10 करोड़ रुपये माँगे और धमकी दी की सलामती चाहते हो तो पैसे दे दो , गुलशन कुमार ने बिना पुलिस के बताए पैसे अंडरवर्ल्ड को दे दिए । लेकिन जब गुलशन कुमार को दूसरी बार धमकी मिली तो गुलशन कुमार परेशान हो गए और गुलशन कुमार ने इस बार पैसे नही दिए , तभी 5 अगस्त 1997 को अबू सलेम फ़ोन करता है गुलशन कुमार को और कहता है कि तुमने पैसे नही दिए और तुम देख लो तुमने पुलिस में शिकायत भी नही की तो इसका मतलब तुम हमे सीरियस नही ले रहे हो। ये सभी बातें गुलशन कुमार के भाई किशन कुमार का कोर्ट में स्टेटमेंट दर्ज है ।



गुलशन कुमार की हत्या...

3 दिन बाद अबू सलेम दुबारा गुलशन कुमार को पैसे के लिए फिर से फ़ोन करता है और इस बार भी वही बात दोहराता है और नदीम के गाने को प्रमोट के लिए बोलता है, गुलशन कुमार के भाई ने सलाह दी कि आप पुलिस के पास शिकायत करो , फिर 12 अगस्त के दिन जुहू ( मुम्बई ) में एक मंदिर है और उस मंदिर में गुलशन कुमार हमेशा पूजा के लिए जाते थे, उस दिन गुलशन कुमार उस मंदिर में जाते है पूजा के लिए । मंदिर के पास तीन लोग आते है और गुलशन कुमार को कहते है कि अब पूजा पाठ बहुत हो गयी अब जा ऊपर जाकर पूजा करना , उसके बाद तीनों मिलकर गुलशन कुमार के ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर देते है जिसके बाद गुलशन की अस्पताल में मृत्यु हो जाती है ।

gulshan kumar death

मुम्बई पुलिस ने जब जांच किया तो पता चला इसमे टिप्स म्यूजिक के मालिक रमेश दुर्रानी का भी इसमें हाथ था क्योंकि जिन शूटर्स ने गुलशन कुमार को मारा था उन सभी शूटर्स को रमेश दुर्रानी ने 25 लाख रुपये दिए ये जांच में पता चला था । जिसके बाद मुम्बई पुलिस ने रमेश सहीत 19 लोगो को गुलशन कुमार के साजिश और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया , फिर 2001 में दाऊद मर्चेंट जो हत्या का आरोपी था उसको कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई ।

लेकिन जो सबसे बड़ी बात ये है कि जब गुलशन कुमार की हत्या हुई उसके बाद नदीम भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग जाता है , नदीम अब ब्रिटेन का नागरिक बन चुका है और अब दुबई में परफ्यूम का बिजनेस भी खोल रखा है , भारत सरकार ने उसे वापस लाने के लिए कई प्रयास किये लेकिन नदीम वापस नही आया ।

हम एक ऐसे हिंदूवादी गायक को याद कर रहे है जिन्होंने न सिर्फ हिन्दू गानों को एक सच्चा आवाज दिया बल्कि अब इनको गानों को सैकड़ो सालों तक सुना जाएगा ।

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