सिर्फ हिन्दू धर्म में ही शव को क्यों जलाया जाता है ? जानिए अंतिम संस्कार का रहस्य


हमारा हिन्दू सनातन धर्म बहुत ही पुराना धर्म है , और इस धर्म की कई सारी मान्यतायें है जिसे लोग मानते है और उसका अनुसरण करते है, हमारे हिन्दू धर्म में जन्म से लेकर मृत्यु तक 16 ऐसे संस्कार है, जिसे हम सभी अपने जीवन काल मे पालन करते है, और ये परंपरा जन्म से लेकर हमारे मृत्यु तक चलता रहता है , जब एक बच्चे का जन्म होता है तो उस बच्चे को भी बहुत सारी विधि और विधान से गुजरना पड़ता है और जब बच्चा युवा अवस्था मे होता है और उसके बाद उसकी शादी होती है तब भी उसे कई सारी हिन्दू परंपरा से गुजरना पड़ता है । ऐसे ही बहुत सारी परंपरा है जिसे हिन्दू समाज अनुसरण करता है ।


जब हिन्दू धर्म मे किसी की मृत्यु होती है तब उसके शव को विधि विधान के साथ जलाया जाता है , लेकिन अगर आप किसी और धर्म की बात करो तो इस्लाम और ईसाई धर्म मे शवो को दफनाया जाता है , 



हमारे ही धर्म मे शवो को क्यों जलाया जाता है ? 

संसार मे हिन्दू धर्म ही एक ऐसा धर्म है जिसमे मृत्यु के बाद शव को जलाने की प्रक्रिया है जिसे हम सभी अंतिम संस्कार कहते है, इसके नाम मे इसका रहस्य छुपा हुआ है,,,,,, अंतिम संस्कार का अर्थ है इंसान का आखिरी संस्कार ! संस्कार का मतलब- हिन्दुओ द्वारा जीवन मे किये जाने वाले विभिन्न धार्मिक कर्मकांड ।

यह हिन्दू मान्यताओं के 16 संस्कारो में से एक है, हिन्दू धर्म मे जन्म से लेकर मृत्यु तक 16 संस्कार है , इसमे सोलहवाँ और आखिरी संस्कार है अंतिम संस्कार । इस संस्कार में व्यक्ति की अंतिम विदाई, दाह-कर्म के लेकर पुनः घर की शुद्धि तक किये जाने वाली क्रिया कलाप शामिल किए जाते है । 

गरुण पुराण में अंतिम संस्कार से सम्बंधित कई बातें बताई गई है जिनका पालन करने से व्यक्ति की आत्मा को शांति मिलती है और उसके अगले जीवन मे प्रवेश का रास्ता खुल जाता है, अगर साधारण शब्दो मे कहा जाए तो हिन्दुओ में शव जलने से मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति मिलती है और उसके सभी पाप अग्नि में जलकर नष्ट हो जाते है ।

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