कमलेश तिवारी हत्याकांड में यूपी पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। यूपी डीजीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कमलेश तिवारी की हत्या में शामिल रहे तीन आरोपियों को गुजरात के सूरत से पकड़ा गया है। फिलहाल तीनों आरोपियों से पूछताछ जारी है। डीजीपी ने बताया कि इस वारदात में दो और आरोपी शामिल हैं, जिनके बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है। डीजीपी ने दावा किया कि जल्द ही ये दो आरोपी भी पुलिस गिरफ्त में होंगे। इस दौरान ओपी सिंह ने बताया कि इस मामले में मुफ्ती नईम काजमी और मौलाना अनवारुल हक को भी गिरफ्तार किया गया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीजीपी ने कहा, सूचनाएं और सुराग मिलने के बाद शुक्रवार को ही छोटी-छोटी टीमों को गठित किया गया था। हमारी टीम ने छानबीन में पाया कि तार गुजरात से जुड़े हुए हैं। मिठाई के डिब्बे से जो सुराग मिले उसके बाद मैंने स्वयं गुजरात के डीजीपी से बात की और महत्वपूर्ण सूचनाओं को हासिल करना शुरू किया।
#WATCH OP Singh, UP DGP on #KamleshTiwariMurder: Prima facie this was a radical killing, these people were radicalized by the speech that he (Kamlesh Tiwari) gave in 2015, but much more can come out when we catch hold of the remaining criminals. pic.twitter.com/kJ19yoBLh5— ANI UP (@ANINewsUP) October 19, 2019
उन्होंने आगे बताया, 'एसएसपी लखनऊ और स्थानीय पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को बारीकी से लिया। गुजरात पुलिस और यूपी पुलिस का आपसी समन्वय बहुत मजबूत रहा। जॉइंट टीम ने सूरत से तीन अपराधियों को हिरासत में लिया है। उनसे बहुत सघन पूछताछ की जा रही है। तीन संदिग्ध व्यक्ति जिनको हिरासत में लिया है उनमें एक मौलाना मोहसिन शेख सलीम (24) है, साड़ी की दुकान पर काम करता है। दूसरा व्यक्ति फैजान (30) है वह भी जिलानी अपार्टमेंट सूरत का रहने वाला है। तीसरा जिसको हमने रशीद अहमद खुर्शीद अहमद पठान (23) है। यह दर्जी का काम करता है और वहीं सूरत में रहता है। इन तीन के अलावा हमने दो संदिग्धों को हिरासत में लिया था और उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया।'
वारदात का षडयंत्र रचने वाले मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती नईम काजमी को शुक्रवार रात में ही हमारी टीम ने हिरासत में लिया है और इनसे पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी मिली है उसे पता चला है कि रशीद पठान जो कंप्यूटर का जानकार है और टेलर का काम करता है उसी ने शुरुआती प्लान बनाया था। बचे हुए जो संदिग्ध अपराधी हैं, उनकी धरपकड़ के प्रयास किए जा रहे हैं। बिजनौर का कनेक्शन क्रॉस चेक कर रहे हैं।
जिन दो व्यक्तियों को पूछताछ के बाद छोड़ा है, उनमें एक राशिद का भाई है और दूसरा गौरव तिवारी है। गौरव ने कमलेश को कुछ दिन पहले फोन किया था और सूरत समेत अन्य जगहों पर भारत हिंदू समाज के लिए काम करने की इच्छा जताई थी। 24 घंटे के अंदर हमारी टीम ने गुजरात पुलिस की मदद से खुलासा किया। इतनी दूर का कनेक्शन मिलने के बावजूद किसी खास आतंकी संगठन से संपर्क नहीं पाया गया है लेकिन फिर भी आगे हम विवेचना करेंगे। प्रारंभिक पूछताछ से पता चला है कि हत्या के पीछे मुख्य वजह 2015 का भड़काऊ भाषण था
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